साल 2000 में छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा उसके तरक्की के लिए दिया गया था। हालांकि रमनकाल की कानून व्यवस्था के दौरान इसकी जो दुर्दशा हुई वो जग जाहिर है। राज्य में बढ़ती चोरी, अपहरण, दुष्कर्म, हत्याएं, नक्सली हमले, कमीशनखोरी से तंग आकर जनता ने उनके 15 साल के कार्यकाल को एक झटके में बदल दिया। कका भूपेश के सत्ता में आने के बाद से राज्य की कानून व्यवस्था में कितना बदलाव हुआ है वह हम आपको NCRB के इस एक छोटी से रिपोर्ट के जरिए दिखा रहे है.... 1. दुष्कर्म की घटनाएं- NCRB डाटा के अनुसार, दुष्कर्म की घटनाओं में भारी गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 5वें स्थान पर था जोकि 2021 में 11वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 60% की गिरावट 2. दुष्कर्म की कोशिश की घटनाएं- दुष्कर्म की घटनाओं में भी गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 14वें स्थान पर था जोकि 2021 में 16वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 20% की गिरावट 3. असुरक्षित महिलाओं की घटनाएं- असुरक्षित महिलाओं के मामले में भारी गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 5वें स्थान पर था जोकि 2021 में 11वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 60% की गिरावट 4. डकैती की घटनाएं- डकैती की घटनाओं में गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर था जोकि 2021 में 16वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 40% की गिरावट 5. अपहरण की घटनाए- अपहरण की घटनाओं में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर था जोकि 2021 में 12वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 10% की गिरावट 6. हत्या की घटनाएं- हत्या की घटनाओं में गिरावट देखने को मिली है। जहां साल 2018 में छत्तीसगढ़ 13वें स्थान पर था जोकि 2021 में 17वें स्थान पर आ गया। मतलब साफ है 40% की गिरावट छत्तीसगढ़ में क्या कुछ बदला और आप इससे कितने संतुष्ट है इन सालों में, अगर आपको हमारा यह वीडियों पसंद आया हो तो इसे लाइक, कमेंट और शेयर करे...